बस यह एक सच है !!



बस यह एक सच है !! 
________________________________                     अशोक कुमार
                                                             जामुड़ियां, पश्चिम बर्द्धमान  ( प० ब० )

फट हुई डायरी, टूटी हुई कलम
सहमी सी भवनाएं,उबलता हुआ व्यंग्य
मैं कवि नहीं हूँ, 
यह कविता नहीं है, 
यह मेरी आंतरिक वेदना है !! 

सहिष्णुता गुलामी हुई, 
अहिंसा हुई कायरता, 
सच बोलकर सम्प्रदायीक हुआ, 
हक़ मांग कर बागी, 

फिर भी.......... 
मै, विश्लेषण नहीं कर सकता, 
समाजवाद और सम्राज्यवाद का, 
मै नहीं देख सकता, 
संविधान का बलात्कार,
मानवता का कत्ल,

मेरी दुविधा यह है ! की
मैं चुप नहीं रह सकता, 

मैं कवि नहीं हूँ, 
यह कविता नहीं है, 
बस यह एक सच है !! 

Comments

Popular posts from this blog

हल्दीघाटी युद्ध का सच

ज्योतिष चक्र और रत्न