मोदी है, तो मुमकिन है !!

 

देश के एक वर्ग विशेष का कहना है, कि मोदीजी ने नया क्या किया ? देश पहले भी चलता  था और आज भी चल रहा है, विरोधी धर्म के नाते उन का अधिकार बनता है कि वे सरकार की नितियों का आलोचना करें, किन्तु जो विषय राष्ट्रहित से जुड़ी हो उस का विरोध, क्या देश के साथ गद्दारी नही है ? अजादी के बाद सभी राष्ट्राध्यक्षों के सेवा काल में छोटे बड़े कईं बदलाव अवश्य हुए, किन्तु "मोदीजी ने देश के उस बडे़ बरगद को उखाड़ कर फेक दिया हैं, जिसमें वर्षों से सड़कों विषैले कीड़े लगे हुए थे ! इसके लिए उन्हे ने लगातार महासंघर्ष करते रहे, 




मोदीजी नें देश के आस्तीन में छुपे सारे जहरीले नागों के बिल में एक साथ हाथ डाल दिया है, इसके लिए उन्हें काफी पीड़ा सहना पड़ रहा है, सारे विषधर  फुफकार रहे हैं, वामपंथ, जेहादी, नक्सली, मिशनरी, अलगाववादी, सभी विषधरों को कांग्रेस नें वर्षों तक अपनें पनाह गृह में  छुपाए रखा था, भारत भूमि को बर्बाद करने के लिए, वो तो अच्छा हुआ कि समय रहते देशवासियों ने मोदीजी को सेवा का अवसर प्रदान किया अन्यथा  यह भारतीय परम्परा और संस्कृति को निगल रहे थे     मोदीजी ने इन जहरीले नागों को देश के समक्ष बेनकाब कर दिया, वरना आनें वाले समय में भारत भूमि हिन्दू विहीन हो जाती और हमारी आनें वाली पीढ़ियों के पास सिवाय रोने, बिलखने के इलावा कुछ नही बचता।

  मोदीजी परिवर्तन के पहले धाप पर खड़े है, अभी बहुत संघर्ष करना बाकी है, मोदीजी संघर्ष कर भी लेगा, परन्तु संस्कृति रक्षा के इस युद्ध में देश वासियों को खासकर हिन्दुओं को मोदीजी के साथ डट कर खड़ा रहना अनिवार्य है, क्यों कि मोदी नें ये अपनें लिये नहीं, बल्कि  आनें वाली पीढियों के उज्जवल भविष्य के लिए महापर्व का आवाहन किया है, 

    कृपया  देश हित में शेयर करे 

Comments

Popular posts from this blog

ज्योतिष चक्र और रत्न

हल्दीघाटी युद्ध का सच