अप्रैल फूल" का ऐतिहासिक सत्य क्या है ?
अप्रैल फूल" का ऐतिहासिक सत्य क्या है ? इसे जानकर आप हैरान हो जायेगे, सन् 1582 में पोप ग्रेगोरी ने नया कलेण्डर अपनाने का फरमान जारी किया, उस के पहले भारत ही नहीं विश्व के अधिकांश देश सनातन विक्रम संवत् तिथि कलेण्डर का ही अनुसार करते थे, १ अप्रैल विक्रम संवत तिथि कलेण्डर का प्रथम दिन है, शुक्ल प्रतिपदा से पवित्र महिना का शुभारंभ होता है, सनातन परम्परा के अनुसार समस्त मांगलिक कार्य शुक्ल प्रतिपदा १ अप्रैल के दिन से होता है, वाणिज्य और बैंकों के पिछले वर्ष के वही खाते ३१ मार्च को बन्द कर १ अप्रैल से नया वर्ष का वही खाते चालू किया जाता है, किन्तु अग्रेजों ने साजिश के तहत हिन्दूओं के पवित्र तिथि को (अप्रैल फूल )मूर्खता दिवस बनाने का घिनोना कार्य किया है, दरसल जब भारतियों पर अग्रेजी कलेण्डर को थोपा गया उस समय भारत में ब्ररिटिश सम्राज्य का बोलबाला था, ईसाईयत का प्रचार करने एवं विक्रम संवत के महत्व को धुमिल करने के मनसा से "अप्रैल फूल " का सड़यन्त्र रचा था, बड़े ही चालाकी से धीरे - धीरे इसे परम्परा का रूप दे दिया गया, और समस्त हिन्दू समाज इससे अनभिज्ञ रहा, गुलाम मानसि...